Friday, December 28, 2018

महाराष्ट्र मुख्यमंत्री पर करोड़ों के घोटाले का आरोप।

महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखे पाटील का मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर एक लाख करोड़ रुपये के घोटाले का सनसनीखेज आरोप।

महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखे पाटील ने सनसनीखेज आरोप लगाया है कि मुंबई के नए डिवेलपमेंट प्लान (डीपी 2014-34) में बदलाव करके एक लाख करोड़ रुपये का घोटाला किया गया है। उन्होंने सीधे मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर आरोप लगाते हुए कहा कि मुंबई के दिग्गज बिल्डरों को लाभ पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय और बिल्डरों के बीच 10,000 करोड़ रुपये की डील हुई है, जिसमें 5,000 करोड़ रुपये की पहली किश्त दी जा चुकी है। विखे पाटील ने चेताया कि मुख्यमंत्री ने बिल्डरों के हित में जो बदलाव किया है, उसे 15 दिन के अंदर फिर से बहाल करें, वरना वे कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। मुख्यमंत्री ने विखे पाटील के आरोपों को बेबुनियाद और तर्कहीन करार देते हुए कहा कि वह आरोपों को साबित करें, वरना हम उन पर मानहानि का दावा करेंगे।
मुंबई महानगर की विकास नियमावली 2014-34 में बड़े पैमाने पर बदलाव किए गए हैं। ये सभी बदलाव मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सरकार के कार्यकाल में किए गए। इनमें टीडीआर, एफएसआई, दो बिल्डिंगों के बीच की दूरी, सड़क विस्तार और भूखंड आरक्षण जैसे बदलाव शामिल हैं। गुरुवार को विखे पाटील ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'मुंबई के दिग्गज चुनिंदा बिल्डरों को फायदा पहुंचाने के लिए मुंबई के नई डीपी में किए बदलावों के सारे सबूत उनके पास हैं। उन्होंने कहा, 'मैं शुरू से कह रहा हूं कि मुंबई की डीपी में 2500 से ज्यादा बदलाव किए गए, लेकिन मुंख्यमंत्री कहते हैं कि सिर्फ 14 बदलाव किए। एक-एक मुद्दे पर 100 से 150 तक बदलाव किए गए हैं। सेस बिल्डिंगों का भी बड़ा घोटाला है।' मुख्यमंत्री ने सफाई दी है कि मुंबई मनपा की सर्वसाधारण सभा ने 2500 बदलाव सुझाए थे, लेकिन अभी तक वे मंजूर नहीं हुए हैं। विखे पाटील ने आरोप लगाया कि मनपा आयुक्त अजय मेहता ने बिल्डरों और मुख्यमंत्री के बीच 'सौदा' कराया। उन्होंने आरोप लगाया, 'बांद्रा, गोरगांव और मुलुंड जैसे इलाकों में बिल्डरों को फायदा देने के लिए नए डीपी में बदलाव किया गया। पहले दो इमारतों के बीच फायर ब्रिगेड के वाहनों के जाने के लिए 9 मीटर का रास्ता छोड़ना अनिवार्य होता था। इसे बदलकर 6 मीटर कर दिया गया है। इतनी कम जगह में फायर ब्रिगेड की गाड़ियां कैसे जा सकेंगी? झोपड़पट्‌टी पुनर्वसन परियोजना (एसआरए) के लिए अभी तक 4 एफएसआई दिया जाता था, लेकिन सरकार ने एफएसआई में बढोतरी कर बिल्डरों को बड़ा फायदा पहुंचाया।

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