एनजीटी कोर्ट भोपाल का रेत के अवैध उत्खनन पर रोक का आदेश केवल दिसंबर तक ही।
मध्यप्रदेश सरकार ने हरित न्यायालय भोपाल के हुक्म से नर्मदा नदी में रेत के अवैध खनन पर कार्यवाही करते हुए नर्मदा नदी के अधिकतर क्षेत्रों में रेत चेक पोस्ट बना दिए थे। मध्यप्रदेश सरकार की इस व्यवस्था से न केवल नर्मदा नदी में बालू रेत के अवैध खनन पर रोक लगी अपितु रेत माफियाओं के विरुद्ध नौ माह में 125 प्रकरण भी दर्ज हुए।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल भोपाल ने अपने एक महत्वपूर्ण निर्णय में मध्यप्रदेश में नर्मदा नदी में हो रहे बालू रेत के अवैध खनन पर अपनी नाराज़गी जताते हुए नर्मदा नदी के होशंगाबाद, नेमावर, नसरुल्लागंज, सीहोर, भोपाल आदि क्षेत्रों में चेक पोस्ट स्थापित करने के लिए मध्यप्रदेश सरकार को पिछले साल आदेश जारी किए थे जिसपर कार्यवाही करते हुए तत्काल ही प्रदेश सरकार ने चेक पोस्ट बना दिए थे। किंतु अब समय सीमा नहीं बढ़ने से यह चेक पोस्ट सूने हो गए हैं और बालू रेत माफियाओं के हौंसले एक बार फिर बुलंद हो गए हैं। ट्रैक्टर ट्रॉली, डम्पर आदि से बालू खनन और परिवहन पुनः चालू हो गया है।
मध्यप्रदेश सरकार ने हरित न्यायालय भोपाल के हुक्म से नर्मदा नदी में रेत के अवैध खनन पर कार्यवाही करते हुए नर्मदा नदी के अधिकतर क्षेत्रों में रेत चेक पोस्ट बना दिए थे। मध्यप्रदेश सरकार की इस व्यवस्था से न केवल नर्मदा नदी में बालू रेत के अवैध खनन पर रोक लगी अपितु रेत माफियाओं के विरुद्ध नौ माह में 125 प्रकरण भी दर्ज हुए।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल भोपाल ने अपने एक महत्वपूर्ण निर्णय में मध्यप्रदेश में नर्मदा नदी में हो रहे बालू रेत के अवैध खनन पर अपनी नाराज़गी जताते हुए नर्मदा नदी के होशंगाबाद, नेमावर, नसरुल्लागंज, सीहोर, भोपाल आदि क्षेत्रों में चेक पोस्ट स्थापित करने के लिए मध्यप्रदेश सरकार को पिछले साल आदेश जारी किए थे जिसपर कार्यवाही करते हुए तत्काल ही प्रदेश सरकार ने चेक पोस्ट बना दिए थे। किंतु अब समय सीमा नहीं बढ़ने से यह चेक पोस्ट सूने हो गए हैं और बालू रेत माफियाओं के हौंसले एक बार फिर बुलंद हो गए हैं। ट्रैक्टर ट्रॉली, डम्पर आदि से बालू खनन और परिवहन पुनः चालू हो गया है।