आज की आधुनिक पत्रकारिता में इंटरनेट की महत्ता सर्वाधिक है। आज इंटरनेट ने सम्पूर्ण विश्व को मुट्ठी में समाकर रख दिया है। इसमें कोई शक नहीं है।
दोस्तों सन 1980 से पत्रकारिता। ज़िन्दगी के कई उतार चढ़ाव में 1998 में वालिद मोहतरम और सन 2015 में वालिदा मोहतरमा यतीम कर गए। 31 दिसम्बर 2016 को दिल ने झटका दिया और सर्जरी करानी पड़ी। अधेड़ उम्र में हरदा से भोपाल का सपना लिए भोपाल बस गए। यही ज़िन्दगी के कुछ लम्हात हैं जिन्हें आपसे शेयर करने थे। आप मुझसे ख़िताब कर सकते हैं ईमेल से chishtimahmood786@gmail.com पर। बस इतना ही फ़साना है। A Blogger, Youtuber, Web developer, Social Media Marketing, Journalism trainer, Blood Donner, Social worker.
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