Tuesday, January 1, 2019

कभी पैरों में डालने को नहीं थी चप्पल: कादर खान

कभी पैरों में डालने को नहीं थी चप्पल

मुंबई: साल 2019 की शुरुआत में ही एक बुरी खबर आ गई है। बॉलीवुड एक्टर कादर खान का 81 साल की उम्र में निधन हो गया है। बीते 5-6 दिनों से कादर खान अस्पताल में भर्ती थे। कादर के निधन की पुष्टी उनके बेटे सरफराज ने की है। उन्होंने कनाडा के अस्पताल में अंतिम सांस ली। कादर ने अपने फिल्मी करियर में 300 फिल्में की है। कादर खान फिल्मों का ऐसा हीरा रहे, जिनकी अदाकारी की लिस्ट काफी लंबी है। कादर खान ने न केवल फिल्मों में एक्टिंग की बल्कि कई अभिनेताओं के लिए डायलॉग भी लिखे। आज हम अापको उनके कुछ अनसुने किस्से बताने जा रहे है।
कुछ अनसुने किस्से

कादर ने पिता अब्दुल रेहमान खान कंधार के थे तो मां इकबाल बेगर पिशिन की रहने वाली थीं। कादर खान के जन्म से पहले उनका परिवार काबुल में रहता था लेकिन तीन बड़े भाइयों की मौत के बाद कादर खान के माता-पिता घबराकर उन्हें लेकर मुंबई आ गए। कादर का बचपन काफी गरीबी में रहा। यहां तक कि वह झोपड़ी में भी रहे। कहा जाता है ति पैरों में पहनने के लिए उनके पास चप्पल तक भी नहीं हुआ करती थी। जब भी कादर की मां उनके गंदे पैर देखती थीं तो समझ जाती थीं कि वह मस्जिद नहीं गए।
कहा जाता है कि कादर के पहले ड्रामे में एक्टिंग देखकर एक बुजुर्ग ने उन्हें 100 रुपए का नोट दिया था। कुछ साल तक तो कादर खान ने इस नोट को अपने पास रखा लेकिन बाद में गरीबी की वजह से खर्च कर दिया। फिल्मों में एक्टिंग के अलावा कादर लेखक भी थे।
कादर की पहली फिल्म साल 1973 में आईं 'दाग' थी। इस फिल्म में कादर ने वकील का किरदार निभाया था। कहा जाता है कि कादर के कॉलेज ड्रामा में किए गए काम से दिलीप कुमार इतने इंप्रेस हुए थे कि उन्होंने कादर को दो फिल्मों 'सगीना' और 'बैराग' के लिए साइन कर लिया था। कादर खान ने करीब 300 फिल्मों में काम किया। इसके साथ ही करीब हिंदी और उर्दू में 250 फिल्मों के डायलॉग भी लिखे। यहां तक कि राजेश खन्ना और मुमताज की साल 1974 में आई फिल्म 'रोटी' के लिए कादर ने ही डायलॉग लिखे थे। इस काम के लिए कादर खान को 1 लाख 21 हजार रुपए दिए गए थे।
फिल्मों के अलावा कादर ने टीवी इंडस्ट्री में भी अपना हाथ आजमाया। कादर एक कॉमेडी शो लेकर आए थे जिसका नाम 'हंसना मत' था। इस सीरियल में कादर के अलावा शगुफ्ता अली, अंजू महेन्द्रू और हिमानी शिवपुरी भी थीं। अमिताभ बच्चन की कई फिल्मों के अलावा कादर खान ने 'हिम्मतवाला', 'कुली नंबर वन', 'मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी', 'खून भरी मांग', 'कर्मा', 'सरफरोश' और 'धर्मवीर' जैसी कई सुपरहिट फिल्में शामिल हैं।
कादर खान आखिरी बार साल 2015 में आई फिल्म 'दिमाग का दही' में नजर आए थे। साल 2013 में कादर को फिल्मों में योगदान के लिए साहित्य शिरोमनी अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। इसके साथ ही कादर बेस्ट कॉमेडियन और बेस्ट सपोर्टिंग रोल का अवॉर्ड भी जीत चुके हैं। कहा जाता है कि एक वक्त ऐसा था कि कादर खान हीरोइनों से ज्यादा फेमस हो गए थे और दर्शक पोस्टर में उन्हें देखने के बाद ही फिल्म की टिकट खरीदते थे। कादर खान लंबे वक्त से सिनेमाजगत से दूर हैं और बेटे और बहू के साथ कनाडा में रहते हैं। करीब 45 साल तक उन्होंने बॉलीवुड में राज किया।

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