Tuesday, November 14, 2017

खबरों का पोस्टमार्टम। आख़िर क्यों?

आपने अधिकतर देखा होगा कि कैसे स्वयम्भू टी व्ही न्यूज़ चैनल अपनी टीआरपी बढ़ाने के लिए एक ही खबर को घण्टों नहीं बल्कि हफ़्तों तक घसीटते हैं। जिन्हें सिर्फ़ अपने विज्ञापनों से मतलब होता है न कि दर्शकों से।
         अभी कई ऐसे ही मामले सामने आए हैं जिनमें टी व्ही न्यूज़ चैनलों ने हद ही कर दी जैसे राम रहीम वाला मुद्दा। इस मुद्दे को टी व्ही न्यूज़ चैनलों ने इतना दिखाया कि भारत का बच्चा बच्चा बाबा राम रहीम को जानने लगा साथ ही उनकी निज सचिव हनीप्रीत का प्रचार मुफ़्त में। खोदा पहाड़ और निकली चुहिया।
           अभी भी देश में कई ऐसे ज्वलन्त मुद्दे हैं जिनपर इन महानुभाव का ध्यान नहीं जाता क्योंकि ऐसी ख़बरों से इन्हें विज्ञापन नहीं मिलेंगे। बेरोज़गारी, भुखमरी, नवजात शिशु मृत्यु, ग़रीबी आदि।
           आप मुझसे संपर्क कर सकते हैं।
agnichakr2018@gmail.com

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